Tuesday, January 4, 2011

लौट आओ...!!


धड़्कते दिल के पैगाम सुनो..
कि एक मुद्दत हुई तुम्हे ये राज़ जताते हुए. ..
एक शाम मेरे नाम करो आज..
की एक अरसा हुआ तुम्हे पास बुलाते हुए..
हो सके तो एक महफिल मुझे दे दो..
की उब चुके है उम्र यु हीं तनहा बिताते हुए...
गर तुम आ सको तो लौट आओ मेरी ज़िन्दगी में...
की खत्म हो रहे हैं अब सब बहाने..
इस ज़िन्दगी को आज़माते हुए..